श्रीमती अश्विनी भिडे, भा.प्र.से.
प्रबंध निदेशक, मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (MMRC)मुंबई के महानगरीय यातायात और परिवहन की स्थिति सुधारने के लिए महाराष्ट्र सरकार, मेट्रो रेल परियोजना पर अमल करने के लिए कटिबद्ध है|
मुंबई मेट्रो लाइन -३, कोलाबा-बांद्रा-सीप्झ (Via BKC) होकर जानेवाला ३३.५० किलोमीटर लम्बा, २७ स्टेशनों (२६ भूमिगत व १ जमीन पर) का भूमिगत मार्ग है| वह तीन चरणों मे अमल होने वाले १५३ किलोमीटर के ९ क्षेत्रों (कॉरिडोर) को जोडने वाली मुंबई मेट्रो बृहद परियोजना का हिस्सा है| भारत सरकार और महाराष्ट्र सरकार ने ५०-५०% भागेदारी में एक संयुक्त परियोजना के रुप मे कंपनी अधिनियम १९५६ के अंतर्गत इसे एक विशिष्ट उद्देशित कंपनी के तौर पर स्थापित किया है और परियोजना के अमल की जिम्मेदारी इस निगम को सौंपी है|
मेट्रो का उद्देश्य है, उपनगरीय रेल से न जुड़े स्थानों को जोड़ना और यात्रियों को ५०० मीटर से १ किलोमीटर के दायरे में रेल द्वारा ‘Mass Rapid Transit Facility‘ प्रदान करना|
सर्वसामान्य लोगों को इससे निम्न प्रकार के लाभ होने वाले है:
- यात्रा के समय में कमी|
- हवा प्रदूषण में कमी|
- सडकों पर कम भीड़|
- वातानुकूल डिब्बों मे आरामदायक यात्रा का अनुभव|
- सडकों के तनावपूर्ण वातावरण से मुक्ति और बड़े पैमाने पर उर्जा की बचत|
- कार्बन-मुक्त यातायात सेवा|
- हवाई अड्डा / ६ केंद्रीय व्यावसायिक क्षेत्रों / ३०विश्वविद्यालय / १३ अस्पताल का परस्पर एक दूसरे से जोड़ना|
- वरिष्ठ नागरिक / विशेष जरुरतमंदों को Lift / Escalator की सुविधा|
- प्लेटफार्म स्क्रीन बंद दरवाजे के कारण रेल की पटरी का उल्लंघन न करने से यात्रियों की सुरक्षा में वृद्धि|
परियोजना के कुछ अहम् विशेषताएं इस प्रकार है:
- स्मार्ट रोशनी परियोजना वाले स्टेशन
- प्लेटफार्म स्क्रीन दरवाजे
- आधुनिक और उर्जाक्षम इंजिन और डिब्बे
- स्टेशनों पर AFC / स्मार्ट कार्ड द्वारा प्रवेश
- अत्याधुनिक लिफ्ट / एस्कलेटर